सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विद्युत विभाग के कार्यालय की हुई कुर्की 10 वर्ष बाद मिला मृतक परिवार को न्याय,


सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विद्युत विभाग के कार्यालय की हुई कुर्की 10 वर्ष बाद मिला मृतक परिवार को न्याय,

अनिल कनौजिया 

रामनगर बाराबंकी। शुक्रवार दोपहर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विद्युत वितरण उपखंड बुढ़वल द्वितीय के कार्यालय पर कुर्की की कार्यवाही की गई।

यह कार्रवाई लगभग दस वर्ष पूर्व एक मामले में हुई। इसमें बड़ा गांव निवासी कैलाश की खुले बिजली के तारों की चपेट में आने से मृत्यु हो गई थी।

मृतक के परिजनों को मुआवजा के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। जब कैलाश की मौत ट्रांसफार्मर के पास खुले पड़े विद्युत तारों की चपेट में आने से हुई उस समय बिजली के तार बिना किसी सुरक्षा कवच के घास में पड़े थे। जिसके कारण यह हादसा हुआ मृतक के पुत्र अशोक कुमार ने बताया कि उचित मुआवजा न मिलने के कारण उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। 

उन्होंने कहा कि पिता की मृत्यु को दस वर्ष हो गए लेकिन न्याय के लिए हमें कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह कुर्की संभव हो पाई है। 

प्रशासन की टीम में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गूंजिता अग्रवाल, थाना प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार पांडे, उप निरीक्षक राज कनौजिया, महिला उपनिरीक्षक नीतू, अमित विश्वकर्मा और शिवमोहन सामिल रहे। 

कोर्ट के निर्देशानुसार विद्युत विभाग के कार्यालय से लगभग दस लाख रुपए की कुर्की की कार्रवाई संपन्न कराई। इस कुरकी कार्रवाई के बाद अधिशासी अभियंता कार्यालय के कर्मचारियों ने अपनी सफाई दी। उनका कहना है कि वर्ष 2016 में जब यह घटना हुई थी उस समय रामनगर विद्युत डिवीजन अस्तित्व में नहीं था। विद्युत कर्मियों के अनुसार रामनगर डिवीजन अक्टूबर 2018 में बनाया गया था इसके पहले यह पूरा क्षेत्र बाराबंकी डिवीजन के अधीन था। उन्होंने बताया कि रामनगर 2018 में और हैदरगढ़ दो नए डिवीजन बनाए गए, जबकि यह हादसा 2016 का है। 


कर्मचारियों ने तर्क दिया कि उस समय की जिम्मेदारी तत्कालीन बाराबंकी डिवीजन की थी इसलिए वर्तमान डिवीजन को सीधे तौर पर दोषी उचित नहीं कहा जा सकता। अतःविद्युत विभाग के कर्मचारी की इन दलीलों के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तहसील प्रशासन ने शुक्रवार को विद्युत कार्यालय में उपस्थित होकर कुर्की की प्रक्रिया पूरी की।